जोखिम प्रबंधन पर जागरूकता लेख-श्रृंखला - 09
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जोखिम प्रबंधन प्रक्रिया
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आईएसओ 31000 :2018 मानक का खंड 6 जोखिम
प्रबंधन प्रक्रिया के बारे में
मार्गदर्शन प्रदान करता है। इस खंड के निम्न उपखण्ड है -
6.1 - सामान्य
6.2 - सम्प्रेषण और परामर्श
6.3 - क्षेत्र (दायरा),
सन्दर्भ और मापदंड
6.3.1 - सामान्य
6.3.2 - क्षेत्र (दायरा)
परिभाषित करना
6.3.3 - बाहरी और आतंरिक सन्दर्भ
6.3.4 - जोखिम मापदंड परिभाषित करना
6.4 - जोखिम मूल्यांकन
6.4.1 - सामान्य
6.4.2 - जोखिम पहचान
6.4.3 - जोखिम विश्लेषण
6.4.4 - जोखिम का आकलन
6.5 - जोखिम उपचार
6.5.1 - सामान्य
6.5.2 - जोखिम उपचार
विकल्पों का चयन
6.5.3 - जोखिम उपचार
योजना तैयार
करना और कार्यान्वित करना
6.6 - निगरानी और समीक्षा
6.7 - अभिलेख बनाना
(रिकॉर्ड करना)
और विवरण
बनाना (रिपोर्ट करना)
जोखिम प्रबंधन प्रक्रिया - सामान्य
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आईएसओ 31000 :2018 मानक में
मार्गदर्शन दिया
गया है कि जोखिम
प्रबंधन प्रक्रिया में निम्नलिखित गतिविधियों के लिए नीतियों, प्रक्रियाओं और प्रथाओं का व्यवस्थित अनुप्रयोग या उपयोग (application) शामिल है
-
- जोखिम सम्प्रेषित करना और परामर्श करना
- संदर्भ स्थापित करना
- जोखिम का आकलन
- जोखिम का उपचार
- जोखिम की निगरानी और समीक्षा करना
- जोखिम को रिकॉर्ड करना
और रिपोर्ट करना
मानक में दिया चित्र 4 नीचे पुनः प्रस्तुत (reproduce) किया जा रहा है। यह चित्र जोखिम प्रबंधन प्रक्रिया (Process) को दर्शाता है।
साभार - ISO 31000:2018 मानक का चित्र 4 - "यह जानकारी आईएसओ 31000:2018 मानक से ली गई है और इसे अंतरराष्ट्रीय मानकीकरण संस्था, आईएसओ (ISO), की अनुमति से पुन: प्रस्तुत किया गया है। कॉपीराइट आईएसओ के पास रहता है।"
Courtesy –
Figure 4 of ISO 31000:2018 standard - “This information is taken from ISO
31000:2018 standard and it is reproduced with the permission of the
International Organization for Standardization, ISO. Copyright remains with
ISO.”
संस्था की जोखिम
प्रबंधन प्रक्रिया संस्था के प्रबंधन और निर्णय लेने
का एक अभिन्न अंग
होना चाहिए। संस्था की जोखिम
प्रबंधन प्रक्रिया संस्था की संरचना, इसके संचालन और प्रक्रियाओं में
एकीकृत होने
चाहिए। संस्था की जोखिम प्रबंधन प्रक्रिया को रणनीतिक, परिचालन, कार्यक्रम या परियोजना स्तरों पर लागू किया
जा सकता
है।
संस्था के भीतर
जोखिम प्रबंधन प्रक्रिया के कई अनुप्रयोग या उपयोग (application) हो सकते
हैं। इन अनुप्रयोगों या उपयोगों (application) को संस्था के उद्देश्यों को प्राप्त करने
के लिए
और उस संस्था के बाहरी और आंतरिक संदर्भ के अनुरूप अनुकूलित किया जा सकता
है, जिसमें उन्हें लागू किया
जाता है
जोखिम प्रबंधन प्रक्रिया के दौरान संस्था के अंदर मानव
व्यवहार और संस्था की संस्कृति की गतिशील और परिवर्तनशील प्रकृति पर विचार किया
जाना चाहिए। यह प्रश्न उठाना स्वाभाविक है कि जोखिम प्रबंधन
प्रक्रिया के दौरान संस्था में मानव व्यवहार पर विचार क्यों किया जाना चाहिए? हमें
जानना चाहिए कि मानवीय कारक महत्वपूर्ण हैं क्योंकि यह कार्य को अधिक कुशल, प्रभावी
और सुरक्षित बनाने में मदद करता है। मानव कारकों को संबोधित करने वाली संस्था यह सुनिश्चित
करती है कि उपयोग में ली जाने वाली मशीनें और उपकरण उनके श्रमिकों के लिए उपयोग में
आसान और सुरक्षित हैं। अगला प्रश्न हमारे दिमाग में आता है - जोखिम प्रबंधन प्रक्रिया
के दौरान किसी संस्था की संस्कृति की गतिशील और बदलती प्रकृति पर विचार क्यों किया
जाना चाहिए? अप्रत्याशित भविष्य के प्रति ठीक से
आगे बढ़ने के लिए संस्थाओं को गतिशील और लचीले जोखिम प्रबंधन की आवश्यकता होती
है जिसमें परिवर्तन जल्दी आता है। जोखिम-प्रबंधन परिपक्वता का स्तर हर उद्योग और संस्था
में भिन्न होता है।
यद्यपि जोखिम प्रबंधन प्रक्रिया को अक्सर
सैद्धांतिक तौर
से अनुक्रमिक रूप में प्रस्तुत किया जाता है,
व्यवहार में
यह पुनरावृत्त (बार-बार) होता
है। सामान्यतः
यह कहा जाता है कि जोखिम प्रबंधन प्रक्रिया अनुक्रमिक (sequential) होती है, जिसके
चार चरण होते हैं - (1) जोखिम की पहचान करना। (2) जोखिम का आकलन करें। (3) जोखिम का
इलाज करें। (4) जोखिम पर निगरानी रखें और रिपोर्ट करें। लेकिन हमें यह समझ लेना चाहिए
कि जोखिम की पहचान (identification) एक पुनरावृत्त
(iterative) प्रक्रिया है। इसमें मूल रूप से खतरों और अवसरों की व्यापक सूची बनाना
शामिल है, जो उन घटनाओं (events) पर आधारित होती हैं, जो संस्था के उद्देश्यों
(objectives) की सफल उपलब्धि को बढ़ा सकती हैं, रोक सकती हैं, घटा सकती हैं, गति दे
सकती हैं या देरी कर सकती हैं। चूँकि जोखिम की पहचान (identification) एक पुनरावृत्त
(iterative) प्रक्रिया है, अतः जोखिम प्रबंधन प्रक्रिया के अन्य चरणों को भी बार-बार
दोहराने की जरुरत पड़ती है।
कृपया ध्यान दें !
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मानक दस्तावेज़ आईएसओ 31000: 2018 अंतरराष्ट्रीय मानकीकरण संस्था (आईएसओ) का कॉपीराइट प्रकाशन है, जिसे आईएसओ मुख्यालय या आईएसओ की राष्ट्रीय मानक संस्था सदस्य से प्राप्त किया जा सकता है। भारत में, भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) आईएसओ का सदस्य है।
'जोखिम प्रबंधन जागरूकता' पर मेरे लेखों का उपयोग आईएसओ 31000:2018 मानक के विकल्प के रूप में नहीं किया जाना चाहिए। पाठकों को संदर्भ के लिए मानक दस्तावेज़ खरीदने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। 'जोखिम प्रबंधन जागरूकता' पर मेरे लेख विषय सम्बन्धी जागरूकता बढ़ाने के लिए एक शैक्षिक प्रयास है।
अगला लेख - अगले लेख में हम जोखिम प्रबंधन प्रक्रिया (Process) -
सम्प्रेषण और परामर्श की चर्चा करेंगे।
आपको यह जागरूकता लेख कैसा लगा,
कृपया टिप्पणी करें। आपके सुझाव
आमंत्रित हैं।
सादर,
केशव राम सिंघल
साभार –
आईएसओ 31000:2018 मानक का चित्र 4 - अंतरराष्ट्रीय मानकीकरण संस्था, आईएसओ
(ISO)
अन्य प्रतीकात्मक चित्र – इंटरनेट
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